किसी रात के किसी छांव में शरीर दर्द से तड़पता है, बापू की सारी बातें अपनी मन को हर प किसी रात के किसी छांव में शरीर दर्द से तड़पता है, बापू की सारी बातें अपनी ...
मै हूं गिरफ्त में ज़िन्दगी - ऐ - ज़ंजीर के, अब मै उड़ना चाहता हूं! मै हूं गिरफ्त में ज़िन्दगी - ऐ - ज़ंजीर के, अब मै उड़ना चाहता हूं!
तेरे स्वार्थ में कहे कोई अंधा तो हां अंधा हूं मैं तेरे स्वार्थ में कहे कोई अंधा तो हां अंधा हूं मैं
मगर मुझे मुझसे ही वाकिफ करवाया उसने मुझे मुझसे बेहतर समझने वाली है वो मेरे जिस्म से ले के रूह ... मगर मुझे मुझसे ही वाकिफ करवाया उसने मुझे मुझसे बेहतर समझने वाली है वो मेरे...
माता - पिता का प्यार कमज़ोरी ना मानो यूं माता - पिता का प्यार कमज़ोरी ना मानो यूं
वहाँ लोगो के दिल नहीं मिलते है वहाँ लोगो की जरूरतें जुड़ी होती है वहाँ लोगो के दिल नहीं मिलते है वहाँ लोगो की जरूरतें जुड़ी होती है